हम भारतीय बहोतही सहनशील है । हम सब उस गरम पानीकी तरह है जो कितनाभी गरम होनेपरभी बीडी नही जला सकता। हम ऐसे क्यों है ? अपने राजनेताओंके सारे राज होनेके बावजूदभी हम उनको अपनेपर राज करनेका मौका देते है । है न राज की बात ? हालाकि सभी राजनेता बुरे नही है , पर उनकी आड़में इनकी बाड आई है । अब इनको रोखना हम सबके हातोमेही है । लेकिन हम है की हाथ पर हाथ रखे बैठे है ।
जागो भाई जागो वरना देश छोडके भागो । सामर्थ्यहि जीवन है दुर्बलता मृत्यु । अब चोइस इज युवर्स ।
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